सैर के कुछ क्षण

मैं भी घुमा, वे भी घुमे
हम सब घुमे साथ में|

कोई किसी के आश मे
पर कोई किसी खास मे|

मगर फर्क इतना ही था
हम थे किसी तलाश मे|